वृन्दावन शोध संस्थान के सभागार में बुधवार (20 अक्टूबर 2021) को संस्कृति विभाग के सहयोग से ‘आजादी का अमृत महोत्सव तथा चौरी-चौरा शताब्दी वर्ष’ के कार्यक्रमों की श्रृंखला में आदि कवि वाल्मीकि की जयंती के अवसर पर विचार गोष्ठी का आयोजन किया। इस दौरान संस्थान के निदेशक डाॅ॰ अजय कुमार पाण्डे ने कहा आदि कवि वाल्मीकि द्वारा रचित रामायण भारतीय संस्कृति की महत्वपूर्ण निधि है। इस पवित्र ग्रंथ ने युग-युगों से भारतीय जनमानस में चेतना का संचार किया। आचार्य वृंदावन विहारी गोस्वामी ने रामायण में निहित शिक्षाओं पर प्रकाश डाला। विशेष कार्याधिकारी सतीशचंद्र दीक्षित ने कहा आज की युवा पीढी के लिए रामायण प्रेरणास्पद ग्रंथ है। आचार्य सुकुमार गोस्वामी एवं प्रशासनाधिकारी रजत शुक्ला ने भी अपने विचार व्यक्त किये। इससे पूर्व कार्यक्रम का शुभारंभ आदि कवि वाल्मीकि एवं रामायण की पोथी पर पुष्पार्चन एवं माल्यार्पण कर हुआ। इस अवसर पर श्रीमती ममता कुमारी, डाॅ.राजेश शर्मा, श्रीकृष्ण गौतम, आर.पी.सिंह, शिवम शुक्ला, विनोद झा एवं रमेशचंद्र सहित अनेक जन उपस्थित रहे।